षडेव तु गुणा: पुंसा न हातव्याः कदाचन श्लोक का अर्थ
षडेव तु गुणा: पुंसा न हातव्याः कदाचन।
सत्यं दानमनालस्यम् अनसूया क्षमा धृतिः॥
अर्थात - व्यक्ति को कभी भी सच्चाई, दानशीलता, निरालस्य, द्वेषहीनता, क्षमाशीलता और धैर्य - इन छह गुणों का त्याग नहीं करना चाहिए।
🙏💐🌻मङ्गलं सुप्रभातम्🌻💐🙏
Comments
Post a Comment