यत्र स्त्री यत्र कितवो बालो यत्रानुशासिता श्लोक का अर्थ
*यत्र स्त्री यत्र कितवो*
*बालो यत्रानुशासिता।*
*मज्जन्ति तेऽवशा राजन्*
*नद्यामश्मप्लवा इव।।*
अर्थात - राजन्! जहाँ का शासन स्त्री, जुआरी और बालक के हाथ में होता है, वहाँ के लोग नदी में पत्थर की नाव पर बैठने वालों की भाँति विवश होकर विपत्ति के समुद्र में डूब जाते हैं।
*🙏💐🌻मङ्गलं सुप्रभातम्🌻💐🙏*
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