कोकिलानां स्वरो रूपं, स्त्रीणां रूपं पतिव्रतम् श्लोक का अर्थ
सुभाषितम्
कोकिलानां स्वरो रूपं, स्त्रीणां रूपं पतिव्रतम् ।
विद्या रूपं कुरूपाणां, क्षमा रूपं तपॅस्विनाम्॥
कोयल का सौन्दर्य उसके स्वर में, स्त्रियों का सौन्दर्य उनका पति के साथ सामञ्जस्य तथा अनुकूलन में, भद्दे लोगों का सौन्दर्य उनके विद्वता में और तपस्वियों का सौन्दर्य उनके क्षमा में होता है ।
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