पंच त्वाऽनुगमिष्यन्ति यत्र यत्र गमिष्यसि श्लोक का अर्थ
पंच त्वाऽनुगमिष्यन्ति यत्र यत्र गमिष्यसि।
मित्राण्यमित्रा मध्यस्था उपजीव्योपजीविनः॥
अर्थात - पाँच लोग छाया की तरह सदा आपके पीछे लगे रहते हैं। ये पाँच लोग हैं - मित्र, शत्रु, उदासीन, शरण देने वाले और शरणार्थी ।
मङ्गलं सुप्रभातम्
Comments
Post a Comment