किन्नु मे स्यादिदं कृत्वा किन्नु मे स्यादकुर्वतः श्लोक का अर्थ
किन्नु मे स्यादिदं कृत्वा किन्नु मे स्यादकुर्वतः।* इति कर्माणि सञ्चिन्त्य कुर्याद्वा पुरुषो न वा॥* अर्थात - काम को करने से पहले विचार करें कि उसे करने से क्या लाभ होगा तथा न करने से क्या हानि होगी ? कार्य के परिणाम के बारे में विचार करके कार्य करें या न करें। लेकिन बिना विचारे कोई कार्य न करें। मङ्गलं सुप्रभातम्